मच्छ मणि अत्यंत ही दुर्लभ मणि है जिसका प्राचीन काल से बहुत महत्व माना गया है। छाया ग्रह राहू के दोष को शांत करने के लिए मच्छ मणि से बेहतर और कोई उपाय इस संसार में मौजूद नहीं है। इस एक रत्न की मदद से व्यक्ति अपने जीवन की हर मुश्किल से मुक्ति पा सकता है और अपने जीवन को सुखी बना सकता है।
“दिव्य मच्छ मणि”
जादू-टोना, बुरी नजर और प्रेत बाधा से भी अभिमंत्रित मच्छ मणि स्टोन रक्षा करता है। व्यापार में घाटा हो रहा है तो मच्छ मणि आपको नुकसान से बचा सकता है। वास्तु दोष के निवारण के लिए मच्छ मणि पहन सकते हैं। किडनी या पेट से संबंधित कोई रोग है तो मच्छ मणि जरूर पहनें। सौभाग्य, व्यापार में वृद्धि, सामाजिक प्रतिष्ठा, व्यक्तित्व में सुधार, आकर्षण, अंतर्ज्ञान, यौन शक्ति में वृद्धि और ईर्ष्या को दूर करने में भी लाभदायक पायी गयी है।
प्रेम, विवाह और करियर में सफलता देता है, व्यापार में सुधार एवं धन की आवक में वृद्धि के लिए अवश्य धारण करे।
मच्छ मणि राहु की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और लोगों को राहु के दुष्प्रभाव से बचाने के लिए बहुत शक्तिशाली है। यह कोई साधारण रत्न नहीं है, यह बहुत ही दुर्लभ रत्न है। इसे धारण करने वाला व्यक्ति हर तरह के काम के तनाव से बाहर निकलकर खुशहाल जीवन व्यतीत करता है।
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॥ दिव्य मच्छ मणि के प्रमुख लाभ ॥
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जादू-टोना, बुरी नजर और प्रेत बाधा से भी मच्छ मणि रक्षा करता है। ।
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यदि आपके व्यापार में लगातार घाटा हो रहा है तो मच्छ मणि आपको लाखों के नुकसान से बचा सकता है। ।
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घर या ऑफिस में वास्तु दोष के निवारण के लिए मच्छ मणि पहन सकते हैं। ।
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हमेशा बीमार रहते हैं या आपको किडनी या पेट से संबंधित कोई रोग है तो मच्छ मणि जरूर पहनें। ।
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कुंडली में कालसर्प दोष, केमद्रुम दोष, ग्रहण दोष, गुरु चांडाल दोष की वजह से व्यक्ति को अपने जीवन में कष्टों का सामना करना पड़ता है। यह मच्छ मणि आपके कष्टों को दूर कर सकता है।
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मच्छ मणि को पहनने से शत्रु से रक्षा होती है और दिमाग तेज होता है धन से जुड़ी हुई समस्या भी जल्द ही खतम हो जाति है मच्छ मणि को पहनने राहु की अंतरदशा और महादशा में राहत मिलती है मच्छ मणि को राहु का प्रिय रत्न भी माना जाता है इस तरह से मच्छ मणि को पहनने के बहुत से फायदे है।
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लक्ष्मी कृपा द्वारा पारिवारिक रिश्तो में मधुरता।
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मानसिक शांति, मानसिक एवं बौद्धिक लाभ, व्यापार एवं भाग्य व्रद्धि, स्वास्थ्य लाभ
भगवान विष्णु ने मत्स्य यानि मछली का अवतार लिया था और इस कारण से भी मछली से संबंधित वस्तुओं को बहुत शुभ माना गया है। यह मच्छ मणि सौभाग्य, व्यापार में वृद्धि, सामाजिक प्रतिष्ठा, व्यक्तित्व में सुधार, आकर्षण, अंतर्ज्ञान, यौन शक्ति में वृद्धि और ईर्ष्या को दूर करने में भी लाभदायक पायी गयी है।
मच्छ मणि को कौन और कैसे धारण कर सकता है?
0 जिन जातको के जीवन में लगातार समस्याए बनी रहती है, अत्यधिक परिश्रम के बाद भी अनुकूल परिणाम नहीं मिलते, अथवा जो व्यक्ति अपने कार्य क्षेत्र या व्यापार में निर्बाध सफलता एवं वृद्धि चाहते है उन्हें मच्छ मणि धारण करना चाहिए।
0 यह विशिष्ट मच्छ मणि स्त्री अथवा पुरुष दोनों ही धारण कर सकते है, यह पुर्णतः हानिरहित है।
0 यह ज्योतिष-विज्ञान का अनोखा शोध है, इसे नाम राशी के अनुसार सिद्ध किया जाता है अतः इसे किसी भी राशी, उम्र अथवा धर्म का व्यक्ति धारण कर लाभ प्राप्त कर सकता है।
0 रात को एक कटोरा लें और उसमें समुद्री नमक डालकर रख दें। सुबह होने पर मणि को कच्चे दूध या गंगाजल से साफ कर के लाल धागे में अपनी कलाई पर बांध लें या गले में पहन लें ।
0 शनिवार के दिन राहू के इस चमत्कारिक मणि को पहनना चाहिए। शनिवार की सुबह स्नान के बाद घर के पूजन स्थल में पूर्व दिशा की ओर मुंह कर के बैठ जाएं ।
0 अब मच्छ मणि को एक साफ पात्र में गंगाजल या कच्चे दूध में डुबोकर रखें। 108 बार ॐ रां राहवे नमः का जाप करें। इसके बाद मच्छ मणि को साफ कर धारण कर लें ।
0 आदर्श रूप से इस लॉकेट में मौजूद मणि भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार की याद दिलाता है, साथ ही सांसारिक भविष्यवाणी भी करता है।
0 मच्छ मणि व्यापार के विकास और भाग्य जगाने के लिए सूर्य एवं बुध प्रबल करता है।
0 गरुड़ पुराण में कहा गया है, ” मछली के सिर पर पाया जाने वाला मोती बहुत शुभ और लाभकारी होता है। यह मच्छ मणि एक अत्यधिक कीमती खजाना है और इसे संरक्षण, अच्छे स्वास्थ्य, धन और खुशी के लिए घर में संरक्षित किया जाना चाहिए।
0 महत्वाकांक्षा की प्राप्ति, गंभीर बीमारी से उबरना, सफल रोमांस, खुशहाल वैवाहिक जीवन की कामना करने वाले लोग इस मणि को धारण करते हैं। इस मणि में कई किलोमीटर तक अंतरिक्ष को शुद्ध करने की शक्ति है ।
0 वास्तव में मनुष्य जाति के लिए यह एक महान आशीर्वाद है। इस मणि को अपने घर में रखने से आपको हर जगह से पैसा, भाग्य का साथ और ईश्वर का आशीर्वाद मिलेगा ।
0 सभी कार्यों और इच्छाओं की पूर्ति के लिए इस मणि को आशीर्वाद के रूप में पहन सकते हैं। इसके प्रभाव से आपकी इच्छाएं और सपने सच होंगे। यह एक सच्चा मनोगत खजाना है जिसमें जन्मजात दिव्य अलौकिक शक्तियां समाहित हैं ।
0 पूर्णतः हानीरहित, इसके पहनने के केवल लाभ ही देखे गए है ।
0 अगर कोई रत्न पहना हुआ है तो उसकी प्रभावशीलता में वृद्धि होगी और अगर नहीं पहना है तो ये किसी भी रत्न की जरुरत नहीं पड़ने देती।
0 यदि किसी जातक की कुंडली में कालसर्प दोष है, कालसर्प दोष के कारण जीवन में आए दिन नई नई मुसीबतें आ रही है, मानसिक शारीरिक तथा आर्थिक कष्ट बढ़ रहे है तो मच्छमणि रत्न अवश्य धारण करना चाहिए, ।
0 राहू ग्रह की पीड़ा को शांत करने के लिए या राहू की महादशा या अन्तर्दशा चल रही हैं, तो मच्छ मणि को धारण करना लाभदायक होता हैं।
0 आप भी ऐश्वर्यपूर्ण जीवन जीने के सपने देखते है परन्तु धन की कमी के कारण सभी सपने साकार होने से पहले ही मुरझा जाते है तो मच्छमणि आपको अवश्य धारण करना चाहिए। ।
0 यह धारणकर्ता को सभी प्रकार के तनावों से मुक्त कर एक सुखी जीवन व्यतीत करने की प्रेरणा देता हैं। इसे धारण करने के बाद राहू ग्रह की पीड़ा शांत होती हैं। इस मणि के बारें में लोगों को अधिक जानकारी न होने के कारण यह अधिक प्रचलन में नहीं आ सका ।
मच्छ मणि को धारण करने से आपके जीवन में प्यार और सम्मान आएगा। मच्छ मणि एक आंतरिक प्रकाश, आध्यात्मिक प्रभाव और स्मरण शक्ति के साथ आपके जीवन को प्रकाशमान करता है।
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कुंडली मे राहु गृह जन्मपत्री मे राहु गृह गोचर या दशा मे पीड़ित होने पर व्यक्ति की मतिभ्रम, छल-कपट, झूठ बोलना, चोरी, तामसिक भोजन, ज्यादा नशा करना, षड्यंत्र, छिपे शत्रु, अनैतिक कर्म, आलस्य, नकारात्मक सोच व टोने टोटका, तंत्र मंत्र से पीड़ित होता है। ऐसे व्यक्ति को मच्छ मणि हाथो या गले मे बुधवार को मंत्र जाप कर धारण करनी चाहिए। ।
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किडनी रोग, पेट रोग, निराशा, राहु गृह के शुभ प्रभाव बढ़ाने के लिए, काल सर्प दोष, केमद्रुम दोष, ग्रहण दोष, गुरु चांडाल दोष, नारात्मक जिद्दीपन, शरीर मे थकावट, नजर दोष, ऊपरी बाधा व व्यापार बंधन के लिए मच्छ मणि को साबुत नमक के पानी मे भिगो कर राहु मंत्र (ॐ रां राहवे नमः) से 108 बार अभिमंत्रित कर धारण करना चाहिए। ।
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जब भी हमे या बच्चो को घर के किसी कमरे या कोने मे अनजान वस्तु / छाया का अहसास हो, तो वहां पर कांच के बर्तन मे दो मच्छ मणि पानी मे रखने से नरात्मक ऊर्जा दूर होकर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह कुछ ही मिनटों मे हो जाएगा
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वास्तु दोष निवारण के लिए रात को कच्चे दूध में डुबो कर रखें,सुबह गंगा जल से धोकर शिवलिंग पर रखकर दुध एवं जल का अभिषेक करें, घर के मुख्य द्वार पर टांग दे।